शिक्षा का स्तर कोरोना के पहले भी संतोषजनक नहीं, अब किताबें दूर रख बुनियादी पढ़ाई मजबूत करनी होगी: रुक्मिणी बनर्जी
पीछे मुड़कर देखने से यह साफ नजर आता है कि प्राथमिक शिक्षा का स्तर कोरोना के पहले भी संतोषजनक नहीं था। अब आगे क्या करना चाहिए? स्कूल खुलते ही हमारा पहला उद्देश्य होना चाहिए पुरानी कमजोरियों को दूर करना। नई शिक्षा नीति 2020 का भी यही कहना है कि बुनियादी कौशल अनिवार्य है। हमारे देश में तीसरी-चौथी-पांचवीं की पाठ्यपुस्तकें और पाठ्यक्रम अधिकांश बच्चों के स्तर से बहुत आगे है। स्कूल खुलने पर सिर्फ पाठ्यक्रम को थोड़ा हल्का करने से या पिछली कक्षा के कुछ पाठ को दोहराने से काम नहीं बनेगा। कमजोरियां और गहरी हैं। कक्षा की पाठ्यपुस्तकों को किनारे रखकर पहले बुनियादी गणित और पढ़ने की क्षमता को तेजी से और मजबूत करना होगा।
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