This article was written by Dr Rukmini Banerji
The original article was published in Dainik Bhaskar
कम उम्र में पहली कक्षा में आने का फायदा नहीं है। पहली कक्षा का पाठयक्रम छः साल के बच्चे को ध्यान में रखकर बनाया गया है, छोटे बच्चे इसे सही तरीके से झेल नहीं पाते हैं। बच्चों की उम्र और विकास के स्तर के आधार पर ही उपयुक्त गतिविधियां, सामग्री होनी चाहिए। इसलिए सरकारी स्कूल में पूर्व-प्राथमिक कक्षाओं का प्रावधान और नियोजन होना बहुत ज़रूरी था।
इस विषय में और जानने के लिए पढ़ें डॉ. रुक्मिणी बनर्जी का कॉलम: पहली कक्षा से पहले की पढ़ाई भी बच्चों के लिए बेहद जरूरी है, कोरोना से पूर्व-प्राथमिक शिक्षा हुई प्रभावित|